Search Angika Kahani

Friday, July 12, 2019

भाव दूषित भेला सँ साधना बेकार | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री | Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri

भाव दूषित भेला सँ साधना बेकार | अंगिका कहानी  | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story  | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 


एक संत छेलात, हुन्खऽ भक्तिमय जीवन केरऽ बड़ी नाम छेल्हें । हुन्हीं नियम से जप- तप करे छेला आरेा मंदिर में भगवान केर दर्शन करे ले जाय छेला । एक दिन सपना देखलका कि हमरऽ मृत्यु होय गेलऽ छे । हुन्हीं देव दूत केरऽ सामने खड़ा हथ । देवदूत सभे मरलऽ लोगऽ से पुछी रहलऽ छथ कि तो हें की शुभ- अशुभ करलऽ छऽ । अपनऽ जीवन केरऽ हिसाब- किताब दहऽ कुछ देरी के बाद संत जी केरऽ पारी ऐल्हें, हुखा से भी पुछलऽ गेलऽ तो हें बताब अपनऽ जीवन में की कुछ काम करलऽ छऽ जेकरा से तोरा कुछ पुण्य मिललऽ होय ? संत जी सोचऽ में पड़ी गेला, हमरऽ ते सारा जीवन पुण्य कामऽ में बितलऽ छे । हम्में कौन एक काम बतैये । हम्ें पांच बेर देश केरऽ तीर्थ यात्र करी चुकलऽ छिये । देव दूत बोलले, तोहें तीर्थ यात्र से करल्हे, लेकिन अपनऽ बड़ाये हर आदमी के सुनाबे छेल्हऽ, ऐहे से तोरऽ सब पुण्य नस्ट होय गेल्हे । एकरऽ अलाबे कोय दोसरऽ पुण्य करलऽ छऽ ते बताबऽ ? संतजी के भारी ग्लानि होय लागल्हें, कुछ देरी मुंह बनाय के खड़ा रहला । हिम्मत करी के बोलला, हम्में रोज दिन भगवान केए नाम जपे छेलां ध्यान में भगवान के ही राखै छेलां । देवदूत कहलके जबे तोहें भगवान केरऽ ध्यान करै छेल्हऽ आरो वहाँ कोय दोसरऽ आदमी आबे छेल्हों तेा तोहें कुछ देरी आरऽ जप करे छेल्हऽ ? एतना सुनते संत जी केरऽ हृदय कांपे लागल्हें । हुन्खा लागे लागल्हें कि हमरऽ अबतक केरऽ सब तपस्या वेकार गेलऽ । देवदूत बोलले तोहे आरो कोय दोसरऽ पुण्य करेऽ काम बताबऽ ? संत जी के कोय एन्हऽ काम याद नांय आबे लागल्हें । ऐतने में हुन्कऽ नींद खुली गेल्हें । सपना केरऽ घटना से पश्चाताप केरऽ आंखी से लोर गिरै लागल्हें । सपना केरऽ घटना से मन केरऽ कमजोरी समझे केरऽ मौका मिलल्हें, संतजी वेहे दिनऽ से सबसे मिलना- जुलना प्रवचन आदि छोड़ी देलकात । आरो मन लगाय के भक्ति- भाव में जुटी गेला । कर्म आरऽ ध्यान स्तर पर करलऽ गेलऽ, कभी-कभी दिखावा नाम, आरो यश आदि दुनियां के कामना से ओझरालऽ होय छै । जों एकरा प्रति सचेत नांय रहलऽ जाय ते ई हमरऽ प्रगति के रोकी सकै छै ।

टुटलौ कटोरी | अंगिका कहानी संग्रह | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
Tutlow Katori | Angika Story Collection | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 


No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Search Angika Kahani

Carousel Display

अंगिकाकहानी

वेब प नवीनतम व प्राचीनतम अंगिका कहानी के वृहत संग्रह

A Collection of latest and oldest Angika Language Stories on the web




संपर्क सूत्र

Name

Email *

Message *