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Thursday, July 11, 2019

दोसरा केरऽ मदद करना ही जीवन छिकै | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री | Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri

दोसरा केरऽ मदद करना ही जीवन छिकै | अंगिका कहानी  | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story  | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 


अपना लेलऽ जीना कोय जीना छिके । आदत्मियता ऐसे में छै, जब तक जीवन रहे जेतना होय सके दोसरा केरऽ से पीछु नांय हटना चाहीवऽ । हमरा नजरऽ में में एकरा से बोड़ऽ पुण्य केरऽ काम कोय दोसरऽ नांय छै । हमरा अपनऽ पति केरऽ परोपकारी स्वभाव से बहुत कुछ प्रेरणा मिललऽ छै । हुन्हीं बिल्कूल साधारण परिवार केरऽ छिका अपनऽ प्रतिभा आरो मेहनत के बल पर एन्हऽ स्थिति में पहुँचला कि थोड़ऽ बहुत मदद केकरो भी करी सके छथ । कुछ साल पहले केरऽ बात छिके । जबे हुन्हीं देवघर केरऽ नजदीक जसीडी औद्योगिक परिक्षेत्र में कार्यरत छेला । एक दिन जबे हुन्हीं काम पर से घडर ऐला, ते हुन्कऽ साथे एकय दीन-हीन आदमी छेले । ओकरा साथ में बैठाय के खाना खिलैलका । आरो कपड़ा पका दै ले कहलक चलऽ- हम्में सामने में पुछना ठीक नांय समझलिये । ई के छिकै ऐत खुशामद कथिले करी रहलऽ हथ । तुरंत ओकरा आफिस लै गेला । सांझ के जबे आफिस से ऐला, तबे पुछलिहें के छेले कथी से ऐलऽ छेले । लड़का हमरऽ कोय परिचित नांय छिके । एक दिन एकरा दोकानऽ पर मिललऽ छेले, पुछला पर बतैल के हम्में बी-ए- पास छी । बचपन में बीहा होय गेलऽ, अबे बाल- बच्चा केरऽ भी बोझऽ छै माथा पर नौकरी-चाचकरी नांय मिललऽ, यही से जहाँ जे काम मिली जाय दै, वेहे काम करी लै छी । आज ओकरा हम्में एकटा फैक्ट्री में काम दिलवाय देलिये । ओकरऽ आँखऽ केरऽ चमक बताबे छेले कि वें जरूर कुछ तरक्की करते । वू लड़का कहाँ गेल कि भेलऽ एलऽ गेलऽ बात खतम भेलऽ । एक दिन हम्में सपरिवार जसीडी से लौटी रहलऽ छेलिये । त देवघर में एकटा घरऽ में रूकलिये जैसे ही हम्में सब गाड़ी से उतरिलिये, वह लड़का अपनऽ कनियाय आरो बचचा-बुतरू के साथ आदर से हमरऽ पति केरऽ गोड़ऽ पर माथऽ झुकाय ढेलके । बाद में पता चलले कि ओकरऽ मेहनत आरो प्रतिभा के देखते होलऽ ओकरऽ ऊँचऽ पद पर तरर्क होय गेलऽ छै । उन्नीस साल बाद केरऽ बात छिके सोचे छी की केकरो के अपनऽ पद या प्रभाव केरऽ उपयोग करे ते हरंऽ करे । जेकरा से केकरो जीवन सम्भरि जाय ।

टुटलौ कटोरी | अंगिका कहानी संग्रह | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
Tutlow Katori | Angika Story Collection | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 

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