जीवन में दुर्गुणों केरऽ प्रवेश छै आत्म घात | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
ऊपर वाला अपनऽ ढंग से सबके जन्म दै छथिन आरो जीवन केरऽ समापन भी कर बाबै छथिन । हमरऽ हाथऽ में जे कुछ भी छै, वू बीच केरऽ मामला छै नांय हम्में जन्म केरऽ चयन करी सके छिये । आरो नांय मृगु अपनऽ ढंग से प्राप्तकरी सके छिपै । लेकिन भगवान ओकरा अपराधी माने छथिन । जे दोसरा के जीवन पर बिना मतलब प्रहार करे छै । आतंकी घटनाओं के साथ, हमरऽ परिचय एक नया ढंग केरऽ मृत्यु आत्मघाती हमला से होलऽ छै । हैरंऽ हमला से पूरे दुनियां कांपी रहलऽ छै । आतंक ऐहे से बढ़ी रहलऽ छै । काहे कि लोग मानव जीवन केरऽ महत्व के समझै ले नांय पारी रहलऽ छै । मनुष्य केरऽ शरीर मिललऽ छै ते हम्में अध्यात्म से जुड़ी के एकरऽ महत्व समझाबे ले होते । शांति प्राप्त करना आरो धर्म के सही रूपऽ में समझाना होय ते अध्यात्म से जुड़े । समझ में आय जाय छै कि जे आदमी केरऽ जीवन में दुर्गुण केरऽ प्रवेश होय ते समझी ले वू आत्म घात केरऽ तैयारी करी रहलऽ छै । जीवन में भी जबे काम, क्रोध मद, मोह आरो लोभ हावी होय जाय छै ते हम्में आत्मघाती कदम ही उठावे छिये । जे आतंकी सामूहिक हत्या कांडकरी रहलऽ छै । बूते अपराधी छेबे करे, लेकिन दुर्गुणऽ के भीतर स्थान दै के स्वयं के भी आत्मघाती के हम्में भी कुछ अदृश्य हत्या करी रहलऽ छिये । कभी केकरो भावना के कभी केकरो चरित्र के, आरो कभी अपनऽ कर्त्तव्य के प्रति उदासीन होय के जीवन जिये केरऽ । ई सब आत्मघाती कदम छै, ऐ हे से आतंकियों के घिनौना अपराध से सीखें कि हमरऽ भीतर दुर्गुण्ऽ केरऽ प्रवेश नांय हुवे, आरो हमरा से कभी- कभी कोय एन्हऽ काम नांय हुवे जे वू मानव जीवन या प्राणी जीवन के विरूद्ध हुवे । जे परमात्मा के देलऽ छै, वरणा कोय भी दिन अवसर मिलला पर ई दुर्गुण हमरा से भी गलत काम करवाय लेते । आरो बादऽ में हमरा पास सिवाय पछताबे केरऽ अलावा कुछ नांय रहते ।
Tutlow Katori | Angika Story Collection | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
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