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Friday, July 12, 2019

सिद्धांत आरऽ व्यवहार दोनों जरूरी छै | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री | Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri

सिद्धांत आरऽ व्यवहार दोनों जरूरी छै | अंगिका कहानी  | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story  | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 

बात त्रेता युग केरऽ छिके । राजा दशरथ अपनऽ चारऽ बेटा के मूनि केरऽ आश्रम में भेजलऽ छेलात विद्या अर्जन करै वास्ते । राजा दशरथ चाहतला ते चारो के राज महल में शिक्षा दिलवाय सके छेलात, लेकिन आश्रम में सबके साथ ही के जे ज्ञान आरऽ अनुशासन, व्यवहार सीखता से घरऽ में रही के नांय होय ले पारते । चारऽ राज कुमार सामान्य विद्यार्थी के साथ रही के पढ़ै छेला । विद्या ग्रहण करे में अनुशासन केरऽ महत्व बहुत बोड़ऽ छै । आश्रम में जे तरह से मेहनत करालऽ जाय छैले राज महलऽ में नांय होय ले पारतले । जबे चारो राजकुमार पढ़ी के राजमहल लौटला, तबे एक आरो घटना घटलऽ, विश्वामित्र नाम केरऽ मुनि राजा दशरथ केरऽ पास ऐला । कहलकात वनऽ में हमरऽ आश्रम छै, ओकरा राक्षस बर्बाद करी रहलऽ छै । बहुत परेशानी छी यज्ञ में बाधा पहुँचाबे छै । सभे ट्टषि मूनि के परेशान करी रहलऽ छै । संस्कृति के बचाबे ले आरो यज्ञ सम्पनन करे ले अपने हमरा राम- लक्ष्मण के यज्ञ केरऽ रक्षा करै ले दे । दशरथ ई बात के लेलऽ तैयार नांय छेला । हुन्कऽ कहना छेले कि राज कुमार ज्ञान प्रापत करी लेलऽ हथ, आरो राज महल में रही के आगे केरऽ ज्ञान प्राप्त करी लेता । लेकिन हुन्कऽ गुरू वशिष्ठ ने कहलका, राम- लक्ष्मण के विश्वामित्र के साथ जाय ले दहऽ । काहे कि व्यवहार, ज्ञान हिन्के से मिलते राम- लक्ष्मण विश्वामित्र के साथ वन चलऽ गेला । वनऽ में रही के यज्ञ करेऽ रक्षा करलकात । राक्षस के मारी-मारी के संहार करलका ट्टषि- मूनि केरऽ यज्ञ सकुशल संपन्न होल्हें । राम- लक्ष्मण मूनि के साथ जनकपुर गेला । धनूष यज्ञ में शामिल होय के गुरू केरऽ आज्ञा पाय के धनूष तोड़लका, आरऽ अपनऽ पुरूषार्थ दुनियां के देखैलका, राम केरऽ बीहा सीता के साथ, लक्ष्मण केरऽ उर्मिला के साथ, भरत केरऽ मांडवी केरऽ साथ आरो शत्रुधन केरऽ सुतिकृति के केरऽ होय गोलऽ । बीहा करी के अयोध्या लौटला, वेहे समय राम जीवन केरऽ यर्थात पक्ष जानलका, मतलब ई मेले कि जैते लालन- पालन में बच्चा के सिद्धांत केरऽ आरो शिक्ष केरऽ महत्व छै, ओतने महत्व व्यवहार शिक्षा केरऽ भी छै । आज के समय में शिक्षा के रोजगारऽ से जोड़ी के नया- नया प्रयोग होय रहलऽ छे अबे ई माजी लेलऽ गेलऽ छै कि जीवन में वे है विद्यार्थी सफल होते जे सिद्धांत, केरऽ शिक्षा के साथ जीवन संघर्ष केरऽ जानकारी भी प्राप्त करते । विद्यार्थी के लेलऽ अपनऽ जीवन में किताबी ज्ञान केर अलावा, व्यवहार केरऽ ज्ञान भी बहुत जरूरी छै ।


टुटलौ कटोरी | अंगिका कहानी संग्रह | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
Tutlow Katori | Angika Story Collection | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 

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