माटी केरऽ गुण | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
पेट के सभे रोग केरऽ भंजर मानलऽ जाय छै । पचै केरऽ गड़बड़ी आरो पेट विकार केरऽ स्थिति में पेटऽ पर ठंढा मोटी केरऽ पट्टी राखे से लाभ होय छै । शरीर (देहऽ) में सूजन आबे पर, दर्द होवे ते गरम माटी केरऽ पट्टी लाभ दायक मानलऽ गेलऽ छै । गरम (गर्म) आरेा ठंढा माटी केरऽ पट्टी बनाबे केरऽ तरीका एके छै । गरम पट्टी बनावे के लेलऽ गरम पानी में माटी के सानलऽ जाय छै । आरो सुखलऽ कपड़ा पर पट्टी बनाय के तुरंत दरद वाला या फुलान वाला जग्घऽ पर (देह) पर लगाय देलऽ जाय छै । गरम पट्टी सेंक केरऽ काम करे छै । निमोनिया में जों छाती केरऽ दरद बढ़ी जाय ते गरम माटी केरऽ पट्टी राखे से पीड़ा कम होय जाय छै । आंखऽ में सूजन या दरद होला पर माटी केरऽ पट्टी फैदा करे छै । आंखऽ केरऽ गर्मी से पट्टी जल्दी सुखी जाय छै, ऐहे से हर आधऽ घंटा में पट्टी बदलते रहना चाहीवऽ । एन्हऽ कम से कम दिन में दुबार जरूर करऽ । आँखऽ पर माटी केरऽ पट्टी राखे से धीरे- धीरे चश्मा केरऽ नम्बर कम होय जाय छै, आंख स्वस्थ आरो ओकरऽ ज्योति भी बढ़ी जाय छै । जे जनानी केरऽ बाल (केश) तेजी से झड़ी रहलऽ होवे, या बाल (केश) असमय में सफेद होय रहलऽ होबे, माथा में रूसी या फंसी केरऽ शिकायत होबे एन्हऽ जनानी के माही से बाल धोना चाहीवऽ । कुछ दिनऽ के बाद बाल (केश) मुलायम आरो घनऽ काला होय जाय छै । माटी लगाय के नहाबे से दाद, खाज, खुजली, दिनाय आदि में फैदा करे छै । चर्म रोग ठीक होय जाय छै । नोन (नमक) शरीर के लेलऽ बहुत उपयोगी छै, लहु (खून) के खारा या खट्टा नांय होय ले दै छै । हड्डी के मजबूत बनाबे छै । दिल आरेा दिमागऽ पर एकरा खास जरूरत होय छै । नोन (नमक) के अलावा, दूध, दही, छाछ मट्ठा (घोर), पनीर, साग चौलाई, पालक, मटर, सेम, गाजर, सलाद आदि खाना चाहीवऽ, एकरऽ अलावा ई भी याद रखऽ मांस- मछली दूध केरऽ साथ नांय खाना चाहीवऽ घी शहद के साथ नांय खाना चाहीवऽ जहर बनी जाय छै । एक ही बार में ज्यादा खाय के बजाय दिन में पांच बार थोड़ऽ थोड़ खाय के पाचन शक्ति बनलऽ रहे छै । शरीर स्वस्थ प्रसन्न निरोग रहे छै ।
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