महादेव जी | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
जबे पाप केरऽ अंधकार संसार के ढकी दै छै, तबे एक आनोखा शक्ति प्रकट होय के अंधकार के खतम करी दै छै । लेकिन एक समय एन्हऽ भी आलऽ छेले, जबे ई अंधकार केरऽ नष्ट करे में सब आदमी नाकाम साबित होलऽ छेले । तबे अवतार लेलऽ छेली, मृत्यु आरो अंधकार के नष्ट करे वाली देबी ने । जे पाप के जड़ से खतम करी के संसार के देलकी सच्चाई केरऽ एक नया शुरूआत । ई छेली माता पार्वती केरऽ रूद्र अवतार, महाकाली । तोहें पार्वती से महाकाली बने तक केरऽ सफर ते अब- तक देखी लेलहऽ । अबे शुरू होते हुन्कऽ कहानी केरऽ एक अनोखा आरो दिलचस्प पाठ । तोरा सनी ते जानै छऽ, कि महादेव के नील कंठ के नाम से भी जानल जाय छै । लेकिन काहे ? एकरऽ वजह छै, समुद्र मंथन जे पौराणिक कथा सबसे ज्यादा प्रचलित छै । कहलऽ जाय छै कि देवता आरो असूर केरऽ बीच होलऽ समुद्र मंथन से निकललऽ छेले, कालकूट नाम केरऽ जहर (विष) वू विष से देवता आरो असूर दोनों परेशान होय गेला वू जहरऽ में पूरे सृष्टि के खतम करै केरऽ ताकत छेले । विष्णु देव केरऽ आगेह पर देवता ने महादेव जी से मदद मांगलका । करूणामय ने बेझिझ विष (जहर) पी गेला । जे एतना शक्तिशाली छेले कि ओकरा से महादेव जी केरऽ गर्दन केरऽ रंग नीला पड़ी गेल्हेन । ई वजह से महादेव जी के नील कंठ भी कहल जाय छै । लेकिन ई विष केरऽ प्रभाव के दूर करना आरो ओकरा गला में समेटी के रखना महाकाल यानि महादेव केरऽ बस में भी नांय छेल्हेन, वू समय महाकाली ने पत्नी धर्म के निभाते होलऽ एन्हऽ करलऽ गेले । जेकरा देखी के सब आश्चर्य चकित रही गेले । हमरऽ संस्कृति में एन्हऽ बहुत उदाहरण रहलऽ छै । जहाँ पत्नी ने पत्नी धर्म निभैलऽ छै । जेकरऽ सबसे बोड़ऽ उदाहरण महाकाली छथिन । आज तक महाकाली केरऽ पूजा लोग आदर से करै छैन ।
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