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Friday, July 12, 2019

बेटी जलखै करी के जो | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री | Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri

 

बेटी जलखै करी के जो | अंगिका कहानी  | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story  | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri


बात कुछ समय पहले केरऽ छिके, माय अबे ई दुनियां में नांय रहली । हमरा वू घटना हमेशा आंखऽ के सामने नाचते रहे छै । जबे माय जिन्दा छेली आरेा हम्में गांव गेलऽ छेलिये । वू समय हमरऽ बेटा केरऽ भी तबियत खराब छेले । हम्में माप से मिले ले गेलऽ छेलिये बहुत जल्दी में छेलिये । माय बहुत आशक्त होय गेलऽ छेली देहऽ में खाली हड्डी- चपड़ा बची गेल छेले, काया एकदम जर्जर, मायके देखी के लागले भगवान अबे उठाय लहऽ । आंखी से लोर चुवे लागलऽ । माय हमरा देखी के खुश होय गेली, हम्में जल्दी में छेलां माय केरऽ दर्शन करी के बेटा के डार से चलऽ ऐलां कहीं बेटा नाराज नांय होय जाय । माय बहुत रोकलकी, रूकी जा बेटी, कहीं के बहुत मनैल की, आरो कहलकी जलखे चाह (चाय) करी के जो, हमरो चाय (चाह) पिलाय के जो । लेकिन बेटा केरऽ डर से तुरंत निकली गेलिये । माय केरऽ पुकार अनसुनी करै केरऽ मलाल मनऽ में लै के चलऽ ऐलिये । माय केरऽ गुहार करते आँख याचक की तरह हमरा पीछा करी रहलऽ छेले । हम्में फेरू गांव के माय के कुछ खिलाबे केरऽ बहाना ढुंढ़ी रहलऽ छेलिये । माय केरऽ हाल बेहाल देखी के मन में बहुत पीड़ा छेले । जबे गांव जाय केरऽ मौका ऐले बहुत देर होय चुकल छेले । माय सबकुछ भूली के निर्विकार हमरा देखते रहली । बहुत याद दिलैला पर भी हमरा नांय पहचाने सकलकी । माय केरऽ आग्रह नांय सुनला केरऽ कष्ट हमरा जिन्दगी भर भोगे ले पड़लऽ माय केरऽ आददास्त चलऽ गेलऽ छेले । माय अबे ई दुनियां में नांय छथ, लेकिन हुन्कऽ आखिरी बार केरऽ छोटऽ सन आग्रह हमरा आज भी याद आबै छै, जबे हम्में जल्दी में लौटी रहल छेलिये, आरो माय ने बार- बार हमरा रोकी के कहलऽ छेली, बेटी चाय (चाह) पिलाय के जो । अपने भी चाय जलखै करी के जो । शायद माय ई तरह से चाय पी के जाय ले कहें छेली । सच में माय हमरा सबसे रूठी के दूर चलऽ गेली । बहुत दूर अबे हम्में चाहे जेतना बुलायें । बू घुरी के नांय आबे वाली छै । बेटी चाय पिलाय के जो, जाने कहां चलऽ गेली । हमरा छोड़ी के । जहाँ से लोग कहियो नांय घुरी के आबे छै । भगवान माय के आत्मा के शान्ति दिहऽ ।

टुटलौ कटोरी | अंगिका कहानी संग्रह | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
Tutlow Katori | Angika Story Collection | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 

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