हमर जीवन के राखै वाला हेलमेट | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
जिन्दगी में सही सलामत राखे वास्ते संसार सभे काम करे छै, सब से अनमोल हमरऽ माथऽ (सिर) छै । समूचा शरीर के सुन्दर संचालन करे छै आदमी केर । आदमी केरऽ एतना प्रमुख अंग छै, शरीर केरऽ सब अंग से माथऽ कमजोर भी छै । जिन्दगी केरऽ देख- रेख सजावे- संवावरे से पहिले अपनऽ माथऽ केरऽ सुरक्षा आरेा देख रेख सबसे जरूरी छै । जिन्दगी में आबे जाय (यातायात) केरऽ ओतने महत्व छै । आबे जाय केरऽ रफ्रतार दिन रात सुरसा केरऽ मुंह बराबर बढ़ते रहे छै । जैसे- जैसे आवे जाय केरऽ साधन बढ़ी रहलऽ छै, आदमी केरऽ जिन्दगी कम होते जाय रहलऽ छै । सावधानी केरऽ सबसे बोड़ऽ नांव छिकै हेलमेट ई माथा केरऽ मुकुट छिकै । जे जिन्दगी केरऽ रखवाला छै । सड़ दुर्घना में होय वाला बस से ज्यादे मौम माथऽ में चोट लागे से होय छै हेलमेट हमरा मौत से बचाबै छै आरो भी बहुत फैदा छे, एकरा पिन्हे से चेहरा, आंख, अंधड़, झक्कर, हवा, कीड़ा मकोड़ा, धूल गरदा, पानी सर्दी- गर्मी ठंढ से भी बचावे छै । चेहरा मोहरा भी हेलमेट लगाबे से साफ सुथरा सुरक्षित निरोग रहे छै । सबसे ज्यादा माथा केरऽ रक्षा करे छै । थोड़ऽ सन लापरवाही करे से जिन्दगी गंवाना अच्छा बात छै ? ई जिन्दगी दुबारा मिले वाला नांय छै । सड़क पार आबे जाय केरऽ नियम पालन करना बहुत जरूरी छै । सरकार कभी कभी (यातायात) पुलिस के साथ मिली के सड़क सुरक्षा सप्ताह भी मनाबे छै । यातायात पुलिस भी अपनऽ कर्त्तव्य देखे छै । आरो सड़क केरऽ नियम सबके समझावे छै । बैनर, पोस्टर, टी बी, रेडियो आरो फिल्म, विज्ञापन से जनता केरऽ सुरक्षा फैदा गिनाबे छै । सड़क सुरक्षा केर आधार हेलमेट लगाबे के लेलऽ सरकार हमेशा चेताबे छै । जबे जनता सरकार केरऽ बात नांय माने छै, तबे जोर- जुर्माना भी लगाबे छै । सीधा ओंगरी से घी नांय निकले छै, तबे ओंगरी टेढहऽ करे पड़े छै । सरकार के हेलमेट सब के लेलऽ अनिवार्य घोषित करी देना चाहीव । गाड़ी खरीदे (किने) केरऽ ताकत छै, हेलमेट किने में कत्ते खरचा होय छै । गाड़ी के साथ साथ हेलमेट भी किनी लै, जेकरा से जीवन सुरक्षित रहतै ।
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