ईश्वर केरऽ संकेत समझऽ | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
Eshwar Kerow Sanket Samjhow | Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
एक गाँव में पंडित, मौलवी, पादरी रहे छेला । लोगऽ करेऽ मानना छेले कि ई तीनों को भगवान् दर्शन देते रहे हथिन । एक दिन गाव में बाढ़ आबी गेले ऊ तीनों केरऽ भक्त हुन्खऽ पास पहुँचले आरऽ कहल के तोहें तीनों भी गांव छोड़ी के हमरा साथ चलऽ अबे तीनों केए मनऽ में विचार ऐते, जे भी गाँव छोड़ते ओकरऽ मतलब छै, अपनऽ मालिक पर भरोसा नाय रहले । तीनऽ अपनऽ भक्त के जवाब देल के तोरा सनीजा, हमरऽ रक्षक उपर वावला छै । बाढ़ केए पानी बढ़ते गेले । तबे फेरक कुछ लोब नाव लै के ऐले आरो कहकके तोरा लेबे ले ऐलऽ छिहों । तीनों ने एक दोसरा केए मुँह देखी के बोलले तोरा सनी जा हमरा बचाबे वाला ऊपर वाला छै । अबे हुन्कऽ धार्मिक स्थानऽ पर पानी भरी गोल्हें, अबे तीनों डुबे लागला तबे रक्षाकेरऽ दृष्टि से हेलीकाप्टर ऐले, तीनों केरऽ आणु में रस्सी फेंकलके । तीनों प्रतिस्पर्धा में एक बात रटते रही गेले । हमरा ऊपरवाला पर भरोसा छै । हम्में हुन्कऽ भक्त छिकां, हमरऽ रक्षा जरूर करता । लेकिन पानी ऊपर तक चढ़ी गेलऽ आरो तीनों केरऽ मृत्यु होय गोलऽ । जबे स्वर्ग पहुँचले ते परमात्मा से पुछ लके हम्में तोरऽ भरोसा में बैठलऽ छेलां । तोहें हमरा सनी के मरैले छोड़ी देल्हे । तबे परमात्मा ओकरा सें कहलका किं हम्में तोरा सनी के मदद करे ले एलऽ छेलियों, लेकिन तोहें हमर संकेत के नांय समझे पार ले। तीनों आश्चर्य से एक दोसरा केरऽ मुंह देखे लागलऽ । परमात्मा मालिक कहलका हमें तोरा तीनों के बचाबे ले नाव ले के ऐलऽ छेलियो, लेकिन तोहें हमरऽ संकेत नांय समझले, हम्में हेलीकाप्टर लेके ऐलऽ छेलियो, तोहें अपने में उलझलऽ रही गेले । प्रतिस्पर्धा में लागलऽ रहले । अपने भी प्राण रक्षा के लेलऽ कुछ नांय कर ले । चाहे छेले भगवान बचैता । खाली हमरा पर टिकलऽ रहले तबे तीनों के समझ में ऐले कि अध्यात्मक करेऽ दुनियां, ईश्वर करेऽ संसार समानता आसे संकेत से चले छै । अपनऽ भीतर एतना समझ पैदा करे ले होवे कि हम्में ईश्वर केए इशारा समझे सकिये तबे भक्ति करिये ।
टुटलौ कटोरी | अंगिका कहानी संग्रह | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
Tutlow katori | Angika Story Collection | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.