जे लालच में पड़लऽ ओकरऽ पतन छै | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
एक व्यापारी के दु बेटा छेले । जहाज यात्र के दौरान एक बेर दोनों भाय फंसी गेलऽ । एकरा द्वीप पर पहुँचलऽ । द्वीप पर एक यक्षिणी रहै छेली । दोनों भाय के अपनऽ घऽर लै गेली, वहाँ खूब स्वागत बात करलकी । दोनों भाय एक दिन घुमै ले निकलला । एक व्यापारी घायल हालत में एकरा गाछी तर पड़लऽ छेलऽ । पुछला पर व्यापारी बतैलके हमरऽ भी जहाज क्षतिग्रस्त होय गेलऽ । रास्ता भूली के ऐहे द्वीप पर आबी गेलऽ छी । यक्षिणी पहिले खूब स्वागत करलकी, लेकिन करी टा अपराध होय गेलऽ । नाराज होय के ई दशा करी देलकी । घायल व्यापारी बतैलके द्वीप पर कोय निश्चित तिथि के दिन यक्ष घोड़ा लै के आबै छै । आरो पुकारै छै केकरा समुद्र पार जाना छै । प्रार्थना करला से समुद्र पार करी दै छै । लेकिन ओकरऽ पीठ पर बैठलऽ आदमी पिछु धुरी के देखै छै, ओकरा समुद्र में गिराय दै छै । दोनों भाय व्यापारी केरऽ समझैला पर ध्यान दे के द्वीप से सुरक्षित निकलै केरऽ उपाय सोचै लागलऽ । निश्चित तिथि पर, यक्ष घोड़ा केरऽ रूप धरी के ऐलऽ आरो पुकारै लागहाऽ केकरा समुद्र पार करै ले छै । संयोग से इ घड़ी यक्षिणी वहां नांय छेली । दोनों भाय अश्वरूपी यक्ष केरऽ पास जायके हाथ जोड़ी के कहलकऽ हमरा समुद्र पार करी दे । जैसे ही दोनों भाय घोड़ा केरऽ पीठ पर बैठलऽ कि हुन्ने से यक्षिणी देखली दोनों भाय भागी रहलऽ छै । सुन्दर रूप बनाय के पुकारै लागली । अरे हमरा छोड़ी के कहाँ जाय रहलऽ छें । दोनों भाय में एकठो केरऽ मोब विचलित होय गेलऽ, तबे बड़का भाय कहलकै, घायल व्यापारी की समझैलऽ छेलो ? पीछु धुरी के देखबे ते समुद्र में गिराय देतौ । मरी जैबे । छोटका भाय पीछु धुरी के यक्षिणी के देखी लेलकऽ । अश्वरूपी यक्ष ने समुद्र में गिराय देलकऽ आरो यक्षिणी ओकरऽ हत्या करी देलकी, अपनऽ संयम से बड़का भाय रहलऽ ते आराम से समुद्र पार होय गेलऽ आरो अपनऽ मातृभूमि पहुचलऽ छोटका माय यक्षिणी केरऽ सुन्दर रूप देखी के प्राण गमैलकऽ ।
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