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Sunday, July 14, 2019

मुस्कुराहट | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री | Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri

मुस्कुराहट | अंगिका कहानी  | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story  | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 


आफिस में केकरो से बहस होय गेलऽ होवे, या फेरू घरऽ में केकरो से मन मुटाव होय गेलऽ होवे ति तोहें ओकरा सामने थोड़ऽ सन मुस्कुराय दहऽ, ते सब दोव शिकयत पलभर में दूर होय जातै । मुस्कुराहट में ऐत्ते ताकत होय छै । एकरऽ जरिया से तोहें दोसरा केरऽ दिल जीती सके छऽ । कोय रोखलऽ (रूठलऽ) के मनाय सके छऽ । ई तरह से तोरा भी खुशी आरेा संतोष मिल्थों, मुस्कुरैलऽ चेहरा देखाय छै, ते गुस्सा कम होवे लागे छै । हमरऽ चेहरा पर मुस्कान खिली उठे छै । एकरऽ ई मतलब नांय छै कि हंसते रहे वाला के जीवन में दुख नांय छै, लेकिन खुश मिजाज रहते होलऽ स्थिति के संभाले छै । हंसते- मुस्कुराते लोग जानलऽ बिना जानलऽ दोसरा के भी हंसे मुस्कुराबे केरऽ प्रेरणा दै छै । ऐ हे से एन्हऽ लोगऽ से सभे मिलना पसंद करे छै । जे मुस्कुराबे केरऽ महत्व समझै छै, हमेशा हंसे मुस्कुराबै वाला आदमी छोटऽ मोटऽ बातऽ पर लड़ाय झगड़ा से भी बचाबै छै, काहे कि केकरो बातऽ पर ऐतता ध्यान नांय देते कि बात बिगड़ी जाय, सब कोय एन्हऽ आदमी से बात करना आरो दोस्ती करना चाहे छै । एन्हऽ लोगऽ केरऽ व्यवहार भी अच्छ होय छै । एन्हऽ लोगऽ केरऽ आस पास गलत सोच वाला लोग भी कमे मिले छै । विज्ञानिकऽ केरऽ मुताबिक हंसना मुस्कुराना कोय दवाई (दवाय) से कम नांय होय छै । हंसे से तनाव दूर होय छै । आरो सब तरह केरऽ दुख के भी भूलाबै में मदद मिले छै । जहाँ एक तरफ मुस्कान हमरऽ जीवन के सुन्दर बनाबै छै, वहीं एकरऽ जरिया से हम्में स्वस्थ भी रहे छिये । स्वास्थ्य केरऽ दृष्टि से भी हंसते- मुस्कुराते रहला से अच्छा होय छै । जे लोग हमेरो हंसते मुस्कुराते रहे छै, वू लम्बा समय तक जवान देखाबै छै । मुस्कुराबै आरो हंसे से मांस पेशि केरऽ एक्सऽ साइज भी होय छै । जेकरा से चेहरा पर जल्दी झुर्री नांय पड़े छै, आरो चेहरा हमेशा सुन्दर चमकदार रहे छै । मुस्कुरैलऽ चेहरा तोरऽ आत्म विश्वास के भी देखाबै छै । अगर तोहें मुस्कुरैलऽ होलऽ चेहरा कोय परीक्षा में जाय रहलऽ छऽ ते तोरऽ पक्ष में सही केरऽ माहौल शुरूआते में बनी जाय छै । हंसी मुस्कुराहट सब दुख भूलाय के, रिस्ता में तनाव मिटाय के आगु बढ़ाबै केरऽ प्रेरणा भी दै छै । एकरा से चिड़चिड़ापन गुस्सा दूर होय छै । रिस्ता बढि़यां बने छै, एकरऽ भी ध्यान रखै ले पड़थों । तोरऽ हंसी मुस्कुराहट हमेशा मर्यादित होना चाहिवऽ । हंसी मुस्कुराहट केकरो उपहास करे वाला नांय होना चाहीव । एन्हऽ करे से सामने वाला नाराज भी होय सके छै । जबर जस्ती हंसे मुस्कुरावै केरऽ कोशिश नांय करऽ । नाटकीय हंसी मुस्कुराहट तोरऽ व्यक्तित्व पर खराब असर पड़थोंऽ । लोग तोरा देखावटी इंसान समझथोंन । अगर हंसे मुस्कुराबै केरऽ मोन नांय छोनते बढि़यां छै कि नांय हंसऽ नांय मुस्कुरावऽ ।


टुटलौ कटोरी | अंगिका कहानी संग्रह | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
Tutlow Katori | Angika Story Collection| Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 







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