Search Angika Kahani

Thursday, July 11, 2019

बिना मतलब चीजऽ के पीछु नांय भागऽ | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री | Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri

बिना मतलब चीजऽ के पीछु नांय भागऽ | अंगिका कहानी  | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story  | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 

सभी मनुष्य केरऽ पास ओकए अपनऽ अन्तरात्मा होय छै । आरोऽ वे जबे गलत विचार लै लै छै, तबे आदमी अपनऽ रास्ता से भटकी जाय छै । सतत् अभ्यास से आत्मा के चेतावनी दे ले पड़े छै । कि व्यर्थ केरऽ चीजऽ के पीछु नांय भागे, एकरा से समय आरो ऊर्जा खतम नांय होय छै बल्कि परिणाम में सफलता हाथ लगे छै । बोड़ऽ- बोड़ऽ आदमी समझदार ई चक्कर में पड़ी जाय छै । ई विषय पर जैन मूनि केरऽ एक कथा छै । वनऽ में गाछी पर बन्दर बैठल होलऽ छेले । ओकरऽ पर छाई जमीन पर पड़ी रहलऽ छेले । आरो वेहे समय वहाँ से एकरा भूखलऽ शेर जाय रहलऽ छेले । भूखके मारे शेर केए सोचे- समझे केरऽ शक्ति खतम होय गेलऽ छेले । ऐहे से कहलऽ गेलऽ छै कि भूख जाए भोजन पर नियंत्रण जरूरी छै । नहीं ते बुद्धि काम करना बन्द करी दे छै । शेर के साथ भी ऐहे भेले । वे बन्दर केरऽ परछाई पर पंजा मारलकऽ आरो सोचलकऽ कि बन्दरबे के खाय जाय छी । गाछी पर बैठलऽ बान्दर हंसे लागलऽ, शेर के समझैलकऽ शेर राजा, ई हमरऽ परछाई छिके, हम्में तोरा से दूर हिंऽ ई परछाई के पकड़ै में जेते मेहनत करमे, ओतने थकी जेभे । आरो हाथ कुछ नांय लागथोंऽ । लेकिन शेर अपनऽ विवेक खतम करी चुकलऽ छेलऽ । अंत में वेहे होले थकी गेलऽ निराश होय के पड़ी गेलऽ । जैन मूनि केरऽ कहना छै कि हम्में भी राजा केरऽ समान बाहरी चीजऽ पर उलझी जाय छी । जीव बिषय, विलास केए स्थिति पर झपटा मारे छै । फेरऽ दुःखी होय जाय छै । ओकरा समझना चाहीव कि सुख आत्मा में ही बसलऽ होलऽ छै । छाया केरऽ समान शरीर में सुख नांय छै । बाहरी चीजऽ के पावै के प्रयत्न अंत में झूठ साबित होते ऐहे से जागरूक आत्मा जाने छै कि सुख पावे में ऊर्जा आरो समय केरऽ कहाँ उपयोग करना आरो असली सुख कहाँ मिलतऽ वही झपट मारना चाहीव ।

टुटलौ कटोरी | अंगिका कहानी संग्रह | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
Tutlow Katori | Angika Story Collection | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri 

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Search Angika Kahani

Carousel Display

अंगिकाकहानी

वेब प नवीनतम व प्राचीनतम अंगिका कहानी के वृहत संग्रह

A Collection of latest and oldest Angika Language Stories on the web




संपर्क सूत्र

Name

Email *

Message *