भगवान भी कर्मठ आदमी केरऽ मदद करै छथ | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री| Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
कहलऽ गेलऽ छै कि भगवान भी तेलगरे के माथा में तेल दै छथिन । जे खूद अपनऽ सहायता करे छै, यानि अपनऽ काम पूरा करे के लेलऽ परिश्रम करे छै । अपनऽ सब काम भगवाने केरऽ भरोसा छोड़ी दिये, ते भगवान भी शायदे मदद करथीन । एक आदमी हनुमान जी केरऽ भक्त छेलऽ एक दिन बैलगाड़ी से कहीं जय रहलऽ छेलऽ, रास्ता में एक नाला पड़लै_ बैलगाड़ी केरऽ पहिया नाला में धंसी गेले । वू आदमी बैलगाड़ी से उतरी के धरती पर बैठी गेलऽ आरऽ हनुमान जी के पुकारै लागलऽ । ओकरऽ श्रद्धा- भक्ति प्रार्थना पर हनुमान जी प्रगट होय गेला । हनुमान जी पुछलका हमरा कथीले याद करलऽ छें ? वू कहलके भगवान हमरऽ बैलगाड़ी नाला में धंसी गेलऽ छै, तोहें मदद करी के निकाली दे । हनुमान जी कहलका अरे भले आदमी, कोय देवता काहे ने होवे कोय आलसी बेरोजगार करेऽ मदद नांय करे हथ । हेरंऽ समे केरऽ मदद करे लागता, आदमी निकम्मा आलसी होय के बैठी रहतऽ । मौका पड़ला पर भगवान के पुकारते रहतऽ । आदमी कहलके हम्में फिरंऽ गाड़ी निकालबऽ ? हमरा नांय लागे छे कि हमरा ऐत्ते बल छे जे बैल गाड़ी निकालै पारबऽ । हनुमान जी ने कहलका भले आदमी दैवी मदद के लेलऽ श्रद्धा के साथ श्रम भी करना चाहीवऽ । तोहे बरदऽ के ललकारें आरो कादऽ में ढकी के पुरी शक्ति से ढेल । हमरऽ शक्ति तोरऽ देहऽ में ढ़की के तोर मदद करतौ । आदमी हनुमान जी केरऽ बतैलऽ अनुसार करलक ओकरऽ बैलगाड़ी नाला से निकली गेले । अबे आदमी के समझ में ऐले कि भगवान केरऽ नाम लै के कोय काम करलऽ जाय ते सब काम सफल होय जातै । परमात्मा आत्म विश्वास आरऽ शारीरिक बल के रूप में सहायता करै छथ ।
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