रक्त दान | अंगिका कहानी | डॉ. (श्रीमती) वाञ्छा भट्ट शास्त्री
| Angika Story | Dr. (Smt.) Vanchha Bhatta Shastri
रक्तदान, जीवन दान, तोहें ई ते बहुत सुनलऽ होभऽ, पढ़लऽ भी होभऽ लेकिन कहियो खून दान करे के बारे में सोचलऽ छऽ ? या कहियो खून दान करलऽ भी छऽ ? हैरंग आदमी के लागे छै कि खून दान करे से कमजोरी बढ़ी जाय छै लेकिन एन्हऽ नांय होय छै । कमजोरी ते होय छै लेकिन वू कुछुवे घंटा में दूर होय जाय छै । खून दान करे से सामाजिक सेवा छिके, बल्कि एकरा से कुछ व्यक्तिगत फैदा भी छै । खूनदान करै से तीन फैदा के बारे में तोहें सुनलऽ होभऽ, दिल से जोड़लऽ बिमारी होय केरऽ खतरा कम होय जाय छै । अगर तोहें हमेशे खून दान करै छऽ ते शरीर में आयरन केरऽ संतुलित मात्र में बनलऽ रहे छै । जे तरह से शरीर में आयरन केरऽ मात्र कम होना खतरनाक होय छै, वेहे तरह एकरऽ ज्यादा होना भी नुकसान देह छै । हमेशा खून दान करे से दिलऽ से जोड़लऽ बिमारी के होय केरऽ खतरा भी कम होय जाय छै । एकरा से हार्ट अटैक आबे केरऽ आशंका भी कम होय जाय छै । हमेशे खूनदान करै वाला के कैंसर होय केरऽ खतरा बहुत कम होय छै । खून दान करै वाला के वजन भी नियंत्रित रहे छै । हालांकि बहुत जल्दी- जल्दी खूनदान नांय करना चाहिवऽ । एक स्वस्थ आदमी के तीन महीना पर खून दान करना चाहीवऽ ।
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